Friday, September 21, 2012

Ye Bekarari


         यूं तो रोज ही तड़पता हूँ तेरी याद में पर आज तो मरते - मरते बचा हूँ। बहुत ज्यादा बेकरारी है। संगदिल बेरहम, खुदा तू क्यों बन रहा है। ऐ खुदा तू क्यों पत्थर बना बैठा है पत्थर दिल उन्हें बना कर।

          हो सकता है की वो दर्द से रोयें हो मेरे, हो सकता है कि उनके आँसू किसी ने न देखें हो पर उन आंसुओं का क्या फायदा जब--- " तेरे आँसू मुझे रुलाते हो और मेरा गम तुझे रुलाता हो "

          शायद वो खफा इस बात से है कि बिना बात के हमने उनका तमाशा बना दिया।