Wednesday, September 26, 2012

Dard-e-Mohabbat


                  मोहब्बत में दर्द मिलता है ये तो सुना था हमने पहले भी, सोचा थोडा दर्द तो हम भी सह लेंगें और फिर जब मोहब्बत हो गयी तब पता चला की दर्द-ए-मोहब्बत क्या होती है। गम किसे कहते है, जुदाई, उनकी याद, किन अहसासों का नाम है मोहब्बत करा तो पता चला। इंसान होने की और मोहब्बत करने की और फिर कुछ न कर पाने मजबूरियां क्या होती है ये इश्क करके पता चलता है। हर आशिक मजबूर है किसी न किसी तरह से। 

                  "इश्क की राह पर गर चल रहे हो तो सब्र को साथ रखना , कई बार वो आते तो है। 
                                 मगर उस सुबह को जो होती है आखिरी रात के साथ।"

इसी उम्मीद में कई आशिक अब भी जिन्दा है