Monday, October 15, 2012

Jeet Haar Ka Din


            क्या लगता है तुझे की मै तुझे भूल जाऊंगा, नहीं। कम से कम इस जन्म में तो ये संभव नहीं। कम से कम अभी तो ऐसा ही लग रहा है और हो सकता है की मै तुम्हे भूल भी जाऊं, कल क्या हो मेरे साथ ये किसने देखा है। मेरे दर्द की वजह ये नहीं है की तू मुझसे प्यार नहीं करता। दर्द तो इस बात का है की तू मेरे प्यार की गहराई को नहीं समझता।

            खैर! जिस रिश्ते को आगे न ले जाया जा सके उसे एक खूबसूरत मोड़ पर छोड़ देना बेहतर होता है, मुझे तेरी ये बात समझ आ गयी। पर इस तरह बीच राह पर अचानक छोड़ के गया तू मुझे, कहा किस ओर जाऊं मै यहाँ से।
कोई सा भी मोड़ कहीं नहीं दिख रहा है ऐसा लगता है की हर तरफ दूर दूर तक कोई मंजिल नहीं है। मेरे दिल में  सफ़र यहीं ख़त्म करने का खयाल कई बार आ चूका है पर डरता हूँ की मेरे बाद मेरे न रहने पे ये दुनिया वाले कायर कहेंगे।

            नहीं मै ये सफ़र ऐसे ख़त्म नहीं कर सकता मुझे अभी कई मंजिलो तक पहुचना है। बस दिल में एक ही ख्वाहिस है की कुछ ऐसा कर जाऊं जाते जाते की तुझे ये सोच के गर्व हो कि मैंने तुझसे प्यार किया। वो एक दिन मेरी किस्मत में जीत - हार का दिन हो जिस दिन तुझे मेरी मोहब्बत का अहसास हो।

           आ देख की तुने छोड़ा था जहाँ मुझे उस दर को मै कितना पीछे छोड़ आया हूँ। मै अपने आंसुओं से अपनी प्यास बुझाते आया हूँ। मै हार नहीं सकता मेरी मोहब्बत का इम्तहान है हर मंजिल मै अपनी तेरे नाम करके आया हूँ।

No comments:

Post a Comment