Monday, October 15, 2012

Jeet Haar Ka Din


            क्या लगता है तुझे की मै तुझे भूल जाऊंगा, नहीं। कम से कम इस जन्म में तो ये संभव नहीं। कम से कम अभी तो ऐसा ही लग रहा है और हो सकता है की मै तुम्हे भूल भी जाऊं, कल क्या हो मेरे साथ ये किसने देखा है। मेरे दर्द की वजह ये नहीं है की तू मुझसे प्यार नहीं करता। दर्द तो इस बात का है की तू मेरे प्यार की गहराई को नहीं समझता।

            खैर! जिस रिश्ते को आगे न ले जाया जा सके उसे एक खूबसूरत मोड़ पर छोड़ देना बेहतर होता है, मुझे तेरी ये बात समझ आ गयी। पर इस तरह बीच राह पर अचानक छोड़ के गया तू मुझे, कहा किस ओर जाऊं मै यहाँ से।

Monday, October 1, 2012

Meri Chahat



                  मोहब्बत के अफ़साने के कई सवाल लिए बैठा हूँ। क्यों न तुझे मेरी वफ़ा रास आयी, आखिर चाहता ही क्या था मै तुझसे, बस एक मरहम मेरे इस दिल के लिए - तेरे दीदार का। मैंने ऐसा कहा भी कब था की तू भी मेरी चाहत को चाहे, तुझे भी इश्क हो मुझसे,  गर मुझे है तो। कब कहा था मैंने ऐसा कि मेरा दिल तेरे लिए धडकता है तो तेरा  दिल भी मेरे लिए मचले। फिर क्यों  तुमने मुझे बेगाना बना दिया ऐसा क्या नहीं देना चाहते हो तुम  मुझे। 

" तुझे  चाहने  की  चाह में  मै   हर एक   चाह  को   भूल बैठा।
शिकवा न किया कभी जफ़ाओं का हर एक आह को भूल बैठा।।
तुझसे  मिलने   की ख़ुशी  इतनी  थी  मुझे  कि  ऐ  मेरे हमदम ।

Wednesday, September 26, 2012

Dard-e-Mohabbat


                  मोहब्बत में दर्द मिलता है ये तो सुना था हमने पहले भी, सोचा थोडा दर्द तो हम भी सह लेंगें और फिर जब मोहब्बत हो गयी तब पता चला की दर्द-ए-मोहब्बत क्या होती है। गम किसे कहते है, जुदाई, उनकी याद, किन अहसासों का नाम है मोहब्बत करा तो पता चला। इंसान होने की और मोहब्बत करने की और फिर कुछ न कर पाने मजबूरियां क्या होती है ये इश्क करके पता चलता है। हर आशिक मजबूर है किसी न किसी तरह से। 

                  "इश्क की राह पर गर चल रहे हो तो सब्र को साथ रखना , कई बार वो आते तो है। 
                                 मगर उस सुबह को जो होती है आखिरी रात के साथ।"

इसी उम्मीद में कई आशिक अब भी जिन्दा है

Monday, September 24, 2012

Mulakat


            हर रोज ये सोच कर घर से निकलते है कि आज तुझसे मुलाकात होगी। कोशिश रहती है कि तुझे मिलूं तो ख़ुशी-2 पर जब तेरी बेरुखी इस दिल के अरमानों को तोड़ देती है तब गम के बादल जी तोड़ के बरसते है हम पर। इस कदर की रूह तक काँप जाती है सर्द से।

                " आज फिर हमनें खुश होने की कोशिश की और आज फिर हमने चोट पर चोट खाया।
              फिर बैठे है इंतज़ार में की कोई मरहम तो लगाये, हर शख्स है यहाँ मददगार की तलाश में। "

              "गम इस बात का नहीं है दोस्त कि तू मुझे समझ नहीं पा रहा। गम इस बात का है कि तू चाहता नहीं समझना। काश इक नज़र देखे तू मेरे दर्द भरे फ़साने, भीग न जाएँ तेरी पलकें तो कहना।

    अपने मन की बात कहना नहीं किसी से। ये बातें छुपाने के काबिल होती है। 

Friday, September 21, 2012

Ye Bekarari


         यूं तो रोज ही तड़पता हूँ तेरी याद में पर आज तो मरते - मरते बचा हूँ। बहुत ज्यादा बेकरारी है। संगदिल बेरहम, खुदा तू क्यों बन रहा है। ऐ खुदा तू क्यों पत्थर बना बैठा है पत्थर दिल उन्हें बना कर।

          हो सकता है की वो दर्द से रोयें हो मेरे, हो सकता है कि उनके आँसू किसी ने न देखें हो पर उन आंसुओं का क्या फायदा जब--- " तेरे आँसू मुझे रुलाते हो और मेरा गम तुझे रुलाता हो "

          शायद वो खफा इस बात से है कि बिना बात के हमने उनका तमाशा बना दिया।